पृथ्वीराज चौहान इन मुस्लिम देशों में हुई बैन

पृथ्वीराज चौहान इन मुस्लिम देशों में हुई बैन

नई दिल्ली: सबसे पहले तो आपको बताते चलें कि आजकल किसी फिल्म को हिट करने की जिम्मेदारी स्क्रिप्ट या उसकी एक्टिंग पर नहीं बल्कि कुछ नेताओं और गोदी मीडिया ने इसकी जिम्मेदारी आ गई है। राजनेताओं की जिम्मेदारी बढ़ गई है बल्कि यूं कहें कि गोदी मीडिया की जिम्मेदारी तो और भी ज्यादा बढ़ गई है कि किस तरह से किसी टारगेटेड फिल्म को सुपरहिट कराया और हाइप क्रिएट किया जाए।

इसी के चलते आजकल सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें बहुत ज्यादा बारिश हो रही है। अभी हाल ही के दिनों में अक्षय कुमार की एक फिल्म आई है जिसका नाम है “सम्राट पृथ्वीराज चौहान”यह फिल्म सम्राट पृथ्वीराज चौहान के ऊपर फिल्माई गई है जिनकी मृत्यु सन 1192  में एक जंग के दौरान हो गई थी। इस जंग को पृथ्वीराज चौहान हार गए थे।

बहरहाल वह इस जग में वो जीते या हारे लोग उस पर नहीं जाना चाहते इस फिल्म को लेकर एक नया इतिहास लिखने की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर के सोशल मीडिया पर काफी चर्चाएं हो रही हैं। इस फिल्म के अभिनेता ‘ अक्षय कुमार’ यूपी के सीएम ‘ योगी आदित्यनाथ ‘ से मिले उनके साथ में बैठकर फिल्म देखी और यूपी में इसको टेक्सफ्री कराया गया।

इसके साथ-साथ उन्होंने इस फिल्म के फिल्म के प्रमोशन के लिए अमित शाह और आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत से भी मुलाकात की। इस फिल्म को लेकर एक ऐड दिया गया जिसमें हिंदू और मुस्लिम समाज को अलग-अलग हिस्सों में बांटने की कोशिश की गई है। दिलीप मंडल जो कि एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं ने इसको लेकर सीधा आरोप लगाया है कि इतिहास को बदलने की कोशिश की जा रही है और मुगलों वर्सेस हिंदू सम्राट करने की कोशिश की की जा रही है ।

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सन 1191 तराइन का युद्ध

यह युद्ध पृथ्वीराज चौहान और सहाबुद्दीन मोहम्मद गोरी के बीच   पंजाब में भटिंडा के पास तराइन के मैदान में लड़ा गया था। इतिहासकार बताते हैं कि इस लड़ाई में मोहम्मद गोरी के पास 14 हजार सही के और पृथ्वीराज चौहान के पास लगभग तीन लाल सैनी थे। जिसमें मोहम्मद गोरी के चार हजार सैनिक युद्ध शुरू होने से पहले ही भाग गए और बाकी मारे गए। इस लड़ाई मोहम्मद गोरी मारे ही जाने वाला था कि उसका एक सैनिक उसको वहां से बचा ले गया और पृथ्वीराज चौहान विजई हुए।

1192 का युद्ध

1192 में  फिर से एक साल बाद  पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद शहाबुद्दीन गोरी की दोबारा से उसी मैदान में लड़ाई हुई। इस युद्ध में पृथ्वीराज चौहान के पास लगभग 500000 की सेना और मोहम्मद शहाबुद्दीन गोरी के पास लगभग 1 लाख की सेना थी। इस बार मोहम्मद गोरी ने रात के अंधेरे में हमला किया। कुछ इतिहासकारों का तो मानना यह है कि कि पृथ्वीराज चौहान लड़ाई से भाग गए लेकिन कुछ इतिहासकारों का कहना यह है कि वह वीरता के साथ लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए और इसमें मोहम्मद गौरी की जीत हुई। इसके बाद मोहम्मद गोरी ने कुतुबुद्दीन ऐबक को दिल्ली का अमीर बनाया और खुद वापस अफगानिस्तान चला गया।

कुवैत, ओमान, कतर ने किया बैन

इस फिल्म में जो स्क्रिप्ट दिखाई गई है उसमें मोहम्मद गौरी के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा किया गया है यह बात तो आप भी जानते होंगे कि प्रोपेगेंडा सिर्फ भारत में ही कामयाब है दूसरे मुल्कों के लोग मोहम्मद गौरी की इतिहास को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं इसी के चलते मुस्लिम देशों ने इस फिल्म को अपने यहां बैन कर दिया।

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