दुग्ध उत्पादों पर जीएसटी: अखिलेश बोले ‘सरकार नहीं चाहती कि लोग जन्माष्टमी मनाएं’

दुग्ध उत्पादों पर जीएसटी: अखिलेश बोले ‘सरकार नहीं चाहती कि लोग जन्माष्टमी मनाएं’

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। शुक्रवार को अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने दूध उत्पादों पर जीएसटी इसलिए लगाया है क्योंकि वह नहीं चाहती कि लोग जन्माष्टमी भी मनाएं। उन्होंने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को लेकर भाजपा पर भी निशाना साधा।

सपा प्रमुख ने कहा, ‘भाजपा को महंगाई की चिंता नहीं है। उसने दूध और दही पर जीएसटी लगाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के हाल के दौरे का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि उन्होंने सुना है कि मुख्यमंत्री ने भगवान शिव को एक बाल्टी दूध चढ़ाया।

सपा प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, “अगर कोई बाबा भोलेनाथ को दूध का पैकेट देना चाहता है, तो क्या उन्हें कर नहीं देना होगा? यह सरकार जन्माष्टमी भी नहीं मनाना चाहती।” उन्होंने समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की जयंती पर यहां जनेश्वर मिश्र पार्क में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद यह बात कही।

‘हर घर तिरंगा’ अभियान के बारे में बात करते हुए, अखिलेश यादव ने कहा, “देश को यह महसूस करना चाहिए कि भाजपा आरएसएस की एक राजनीतिक शाखा है और अगर हम इसका इतिहास देखें, तो इसने कई वर्षों से अपने परिसर में तिरंगा नहीं फहराया है।”

भाजपा पर फूट डालो और राज करो की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “मैं आगाह करना चाहता हूं कि भाजपा ‘तिरंगा यात्रा’ के नाम पर दंगे करा सकती है। आप सभी को याद होगा कि कासगंज में क्या हुआ था। कासगंज में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कैसे दंगे किए। तिरंगा यात्रा के नाम पर।”

ये भी पढ़ें  ठाकरे ने शिवसेना के विद्रोहियों की तुलना सड़े पत्तो से की, कहा 'इन्हे गिरने दो, फिर बहार आयेगी'

गौरतलब है कि 26 जनवरी, 2018 को कासगंज में तिरंगा बाइक रैली के दौरान हुए विवाद के बाद हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बढ़ती अपराध की घटनाओं के बीच उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था नहीं बन सकता हैउन्होंने कहा, “भाजपा के शासन में पिछड़ी जातियों, दलितों और मुसलमानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है,” उन्होंने दोहराया कि जब उनकी सरकार सत्ता में आएगी तो उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना की जाएगी।