इन पांच हजारी मुल्लों से सावधान रहें, जाने क्या है पूरा मामला ?
नई दिल्ली: आपको बताते चलें कि यह मुद्दा देश के मुसलमानों को बहुत ज्यादा अहम है। खास करके उन मुसलमानों के लिए अहम है। जो कुछ मुसलमानों को इस्लामिक स्कॉलर या मुस्लिम उलेमा समझ कर उनकी बातों में आकर उनकी बातों पर विश्वास कर लेते हैं. ऐसे लोगों से बहुत ही ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है
क्योंकि ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि जो लोग मुस्लिम स्कॉलर या मौलाना बन कर मीडिया हाउस या टीवी शो में मुसलमानों की नुमाइंदगी करने के लिए जाते हैं । वह वहां पर ना जाएं क्योंकि वहां पर जाने का कोई फायदा नहीं है। लेकिन सबसे बड़ा मसला तो यह है कि कोई फायदा है या नहीं यह बात तो एक अलग है पर इन 5 हजारी ही मौलानाओ को टीवी शो में जाने से आखिर कौन कौन रोक सकता है?
कौन हैं ये 5 हजारी मुल्ला?
गोदी मीडिया का एक और घिनौना खेल मुसलमानों के खिलाफ यह है कि इन मौलानाओं में किसी को मुस्लिम एक्सपर्ट, मुस्लिम तंजीम का सदर, मुस्लिम जानकार, मुस्लिम एक्टिविस्ट और पता नहीं अपने पास से कौन-कौन से टाइटल देकर के इन मौलानाओं को खड़ा कर देते हैं। मुद्दा देश में कोई भी हो लेकिन कुछ किराए के टट्टू , जिनकी दाढ़ी बढ़वा दी गई है और टोपी एव कोटी बाकायदा न्यूज़ के स्टूडियो में पहले से ही रखी रहती हैं।
जो उन लोगों को पहनाई जाती हैं जो मुसलमानों के मुद्दों को डिफरेंट करने के लिए मौलाना या मुस्लिम एक्टिविस्ट बन करके आते हैं। जबकि इन लोगों को ना तो इस्लाम की कोई जानकारी होती है और ना ही इन्हें कॉन्स्टिट्यूशन के बारे में कुछ मालूम है और इनका दूर-दूर तक भी मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है, वही कुछ गिने-चुने चेहरे हैं जो गोदी मीडिया के स्टूडियो में बहस बाजी करते हुए दिखाई देते हैं। इन लोगों का काम होता है कि ये 5000 ले, यहां तक ही नहीं बल्कि न्यूज़ स्टूडियो में यह लोग किसी को गाली देते या लोग इन्हें गाली दे,
इन लोगों में से जो भी यूज़ स्टूडियो में ज्यादा से ज्यादा उत्पाद मचाए, जो भी ज्यादा से ज्यादा भसण मचाता है उसको उतना ही अच्छा पेमेंट दिया जाता है। जो लोग मौलाना या मुस्लिम एक्टिविस्ट के नाम पर डिबेट में ज्यादा से ज्यादा उत्पाद में जाता है । उसको उतना ही ज्यादा अगले शो में इनवाइट किया जाता है। गोदी मीडिया के कुछ चैनलों में से एक चैनल है ‘ आज तक ‘ जिसमें बड़े-बड़े मंच सजाए जाते हैं और इन मुल्लों को बुलाकर इनकी बेज्जती की जाती है या यूं कहें इनकी बेइज्जती की जाती है। जिससे मुसलमानों पर कीचड़ उछाला जा सके या उनके खिलाफ ग्राउंड तैयार किया जा सके।
Thugs Of Musalman
GodiMedia Paid Molanas #NotOurVoice#ArrestAntiIndiaArnab pic.twitter.com/iCx3e81I4D— Saniya Sumi 🇮🇳 (@Shir10081992) April 23, 2020
क्या है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का तर्क?
न्यूज़ डिबेट में ऐसे लोगों का बड़ा हाथ है जो नामी मौलाना या मुस्लिम एक्टिविस्ट बन कर डिबेट में जाते हैं। आजकल मुस्लिम कौम की बेज्जती कराने में इनका बहुत बड़ा हाथ हैं। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड यह बात साफ तौर पर कह चुका है कि कोई भी आदमी मौलाना या मुस्लिम एक्टिविस्ट, मुस्लिम स्कॉलर बनकर ऐसे टीवी शो में बिल्कुल भी ना जाएं। अब सबसे बड़ा सवाल तो यह बनता है कि यह लोग टीवी शो में जाने से कैसे रुके?
क्योंकि यह तो इन लोगों का धंधा है और धंधा तो चलता रहना चाहिए। इस तरह के ढोंगी लोगों को कैसे सबक सिखाया जाए ? क्या इनका बायकॉट किया जाए? इस तरह के लोगों से देश के हर एक नागरिक को बचने की जरूरत है। जो समाज में मुसलमानों के नाम पर जहर घोलते है । ऐसे लोगों का दूरी बनाकर ही रखी जाए और उनका बायकॉट किया जाए । जिससे यह लोग इस तरह के टीवी शो में जाने से रुके।