पढ़िए:19 सांसदों के निलंबन पर क्या बोली मोदी सरकार

पढ़िए:19 सांसदों के निलंबन पर क्या बोली मोदी सरकार

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने के कारण मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के सात सदस्यों सहित कुल 19 सदस्यों को इस सप्ताह की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।

हालांकि इस बीच सरकार का भी पक्ष सामने आया है। उसने कहा है कि वह महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार थी और विपक्षी सदस्यों को इसके लिए सूचित भी किया गया।

केंद्र ने कहा कि वित्त मंत्री अस्वस्थ हैं और जब वे लौटेंगी तो इस मुद्दे पर चर्चा होगी। दरअसल इससे पहले राज्यसभा सदस्यों ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा न कराने को लेकर सदन में जमकर प्रदर्शन किया।

सदस्यों के निलंबन के बाद, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह फैसला भारी मत से लिया गया है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों को निलंबित करने का फैसला किया है।

हमने बार-बार कहा है कि हम मूल्य वृद्धि सहित किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं और इस मुद्दे पर चर्चा की उनकी मांग पर सहमत भी हुए हैं। वे लगातार सदन की कार्यवाही में खलल डाल रहे हैं।”उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वापस काम पर आएंगी तो महंगाई के मुद्दे पर चर्चा होगी।

गोयल ने कहा कि सरकार के आश्वासन के बावजूद विपक्ष ने लगातार सदन की कार्यवाही में बाधा डाली और अन्य सदस्यों के सवाल पूछने और बहस में भाग लेने के अधिकारों का उल्लंघन किया।

ये भी पढ़ें  जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम मुफ्ती ने भारत में 'विभाजनकारी कानून' का आरोप लगाया। बीजेपी की हिम्मत, फिर याद

उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपने-अपने स्थान पर लौट जाएं और सदन की कार्यवाही में बाधा न उत्पन्न करें। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों को चेतावनी भी दी लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ।

हंगामा न थमता देख और विपक्षी सदस्यों पर कोई असर न होता देख संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने 10 सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया लेकिन जब ध्वनि मत से यह पारित हुआ तो हरिवंश ने 19 सदस्यों के नाम लिए और कहा कि इन सदस्यों को सप्ताह की शेष बैठकों से निलंबित किया जाता है।