हर हिंदुस्तानी को हुआ था इस जोड़ी पर नाज, 2006 में पाक के खिलाफ थे धोनी-युवराज

हर हिंदुस्तानी को हुआ था इस जोड़ी पर नाज, 2006 में पाक के खिलाफ थे धोनी-युवराज

नई दिल्ली: युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी…! शायद भारतीय क्रिकेट की सबसे यादगार मध्य क्रम की जोड़ी। जब-जब माही और युवी की जोड़ी मैदान पर होती थी, लगता था कि मैच अपने हाथ में है। भले ही सामने शोएब अख्तर से लेकर ब्रेट ली जैसे एक्सप्रेस स्पीड बॉलर्स ही क्यों न हों, बात बन जाएगी। जीत अपने ही हिस्से में आएगी। ये तो सबको पता है कि 2007 और 2011 का वर्ल्ड कप हिंदुस्तान को जिताने में इन दोनों का सबसे बड़ा योगदान रहा लेकिन आज उस सीरीज की बात करते हैं, जिसने भारत को ये दोनों मैच विनर्स दिए…!

साल 2006 और फरवरी का महीना। थोड़ी बहुत ठंड फिजाओं में थी और लोग रजाई में बैठकर डीडी नेशनल पर मैच देख रहे थे। तब भारतीय टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था। भारत पहला वनडे पाकिस्तान के हाथों 7 रन से गंवा चुका था। दूसरा मुकाबला रावलपिंडी में 11 फरवरी, 2006 को खेला जा रहा था। पहले खेलते हुए पाकिस्तान ने 266 का टारगेट सामने रखा। भारत का पहला विकेट 105 के स्कोर पर सचिन के रूप में गिरा और 123 के स्कोर पर सहवाग भी रन आउट हो गए। अब थोड़ा-बहुत डर लग रहा था क्योंकि मोहम्मद आसिफ और उमर गुल अपनी गेंदों से काफी स्विंग हासिल कर रहे थे।

इसी बीच मैदान पर उतरे युवराज सिंह। 8 चौकों और 2 गगनचुंबी छक्कों की मदद से नाबाद 82 रन। मैदान के हर तरफ शॉट खेला और पाक गेंदबाजी का धागा खोल दिया। भारत ने 44वें ओवर की पहली गेंद पर मुकाबला जीत लिया था। गांगुली के डूबते करियर के बीच भारत को नया पोस्टर बॉय मिल चुका था। उस दिन धोनी टीम में थे लेकिन उनको बैटिंग का मौका नहीं मिला। हालांकि जीत के बाद मैदान पर आकर माही ने जरूर युवी को सबसे पहले गले से लगा लिया। पूरा हिंदुस्तान जीत के जश्न में सराबोर हो गया था।

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13 फरवरी 2006 का दिन और अबकी बार तीसरे वनडे में पहले खेलते हुए पाकिस्तान ने 50 ओवर में 288 रन ठोक दिए। पाकिस्तानी इतिहास के सर्वश्रेष्ठ मिडिल ऑर्डर बैट्समैन माने जाने वाले शोएब मलिक ने 108 रनों की शानदार पारी खेली। जवाब में भारतीय टीम ने 190 के स्कोर पर 5 विकेट गंवा दिए। इसमें भी सचिन तेंदुलकर ने अकेले 95 रन बनाए थे। बाकी टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए।

यहां से महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह ने नाबाद 102 रनों की पार्टनरशिप बनाई। धोनी ने 13 चौकों की मदद से 72 तो वहीं युवराज ने 10 चौकों की मदद से 79 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। दिलचस्प है कि धोनी ने 72 रन केवल 46 बॉल पर बनाए थे। भारत के मिडिल ऑर्डर के दो सुपरस्टार का जुनून देखकर हर हिंदुस्तानी का सीना चौड़ा हो गया था। इस ऐतिहासिक मैच ने भारत को वह जोड़ी दी, जिसने आगे चलकर करोड़ों हिंदुस्तानियों को उम्रभर के लिए अपना दीवाना बना लिया।

पाकिस्तान के खिलाफ तब वनडे सीरीज को मिडिल ऑर्डर के धमाकेदार प्रदर्शन के बलबूते भारत ने 4-1 से अपने नाम किया। टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 344 रन बनाने वाले युवराज सिंह मैन ऑफ द सीरीज चुने गए। पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर हिंदुस्तान ने धूल चटा दी थी। उस वक्त भारत में अधिकतर लड़के धोनी वाला हेयरस्टाइल लेकर घूमते थे। माही के खिलाफ कोई कुछ बोल दे तो लड़कों में मार हो जाता था। बात हद से पार हो जाता था।

अब आज के मिडिल ऑर्डर पर आते हैं तो 2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2021 T-20 वर्ल्ड कप और फिर एशिया कप में पाकिस्तान के हाथों मिली करारी हार। काश कि समय का पहिया घूम जाता और पुराने दिन लौट आते। फिर एक बार युवी और माही मिडिल ऑर्डर में इंडियन बैटिंग की कमान संभालते।