चीते बने मोदी सरकार के लिए मुसीबत! जाने क्या है पूरा मामला?

चीते बने मोदी सरकार के लिए मुसीबत! जाने क्या है पूरा मामला?

नई दिल्ली: आजकल चीते बहुत चर्चाओं में हैं क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों जब अपना जन्मदिन मनाया एमपी के कोनो नेशनल पार्क में 8 सीटें लाकर छोड़े। इन चीतों को नामीबिया से मंगाया गया। जिसको लेकर के गोदी मीडिया को एक मुद्दा मिल गया और दिन-रात इसी पर लगा रहा। चीते कैसे बैठे, कैसे सोए, कैसे खाए, कैसे घूमे, कैसे बैठे बस इसी तरह से दिन रात चीतो चीतो का गुणगान करता रहा।

आपको बता दें कि हद तो उस वक्त हो गई जब कुछ नेताओं और गोदी मीडिया ने यहां तक कह डाला कि शेर ले आया है चीते, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शेर की उपाधि दे दी। ऐसे में अब यह चीते क्या खाएंगे। इसको लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। इन चीतों को कुछ चीतल हिरने खाने में परोसी गई यानी कुछ चीतल हिरणों को भी कोनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया। इस बात को लेकर बिश्नोई समाज के लोग नाराज हो गए।

दरअसल हमारे देश के अंदर एक समाज है बिश्नोई, जो शीतल हिरणों को एक विशेष दर्जा देता है। आपको मालूम होगा कि अभिनेता सलमान खान भी काले हिरण के केस में जेल में गए थे। किसी तरह से ले देकर के यह केस रफा-दफा हुआ और जैसे तैसे करके सलमान खान की जान बची थी। तब भी बिश्नोई समाज के लोगों ने ही उन पर यह केस किया था।

लेकिन अब देश के अंदर चीतों को लेकर के एक नया विवाद शुरू हो गया है और बिश्नोई समाज के लोग नाराज हो गए हैं। जिसको लेकर बिश्नोई समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें लिख कर के यह मांग है कि चीतों को जो हिरने खाने में दी जा रही हैं। वह सही नहीं है। ऐसा करने से बिश्नोई समाज के लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। उस पर तुरंत रोक लगाई जाए और उसके लिए एक कानूनी प्रक्रिया है।

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वहीं दूसरी ओर हरियाणा के फतेहपुर में इस विवाद को लेकर 3 दिन से लगातार प्रदर्शन जारी है। हरियाणा में एक जगह है फतेहाबाद, जहां पर यह प्रदर्शन हो रहे हैं। बिश्नोई समाज के लोगों का कहना है कि जब तक चीतों को हिरन परोसने का यह मामला सुलझ नहीं जाता तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। अब सबसे बड़ा सवाल यह बनता है कि आखिरकार इन चीतों का क्या होगा?शेर चीते ले तो आया है लेकिन उन चीतों को जो खाने में दिया जा रहा है। उसके ऊपर इतना विवाद हो रहा है।