बांग्लादेश के खिलाफ सूर्यकुमार यादव की क्या जरूरत है, उनको बताइए कि..
Ind vs Bang ODI Series: जो लोग कह रहे थे कि बांग्लादेश के खिलाफ सूर्यकुमार यादव की क्या जरूरत है, उनको बताइए कि भारत बांग्लादेश जैसी टीम से भी वनडे सीरीज 2-0 से हार गया है। बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को इतना नहीं समझ आ रहा कि जिस सूर्या के नाम से आज दुनियाभर के तमाम गेंदबाज खौफ खाते हैं,
उन्हें वनडे में लगातार अवसर देना क्यों जरूरी है? जो भारतीय टॉप ऑर्डर बांग्लादेश के खिलाफ रन बनाने में संघर्ष कर रहा है, क्या उस पर वनडे वर्ल्ड कप में भरोसा किया जा सकता है? क्या इन बल्लेबाजों को 11 साल बाद भारत में हो रहे वर्ल्ड कप में हिंदुस्तान को जीत दिलाने का जिम्मा दिया जा सकता है?
कितना शर्मनाक है कि सबसे पहले 2011 में रोहित शर्मा के साथ मुंबई की तरफ से खेलते हुए नाबाद 73 रन जड़ने वाले सूर्या को नजरअंदाज किया गया। लगातार रणजी ट्रॉफी में धमाकेदार प्रदर्शन करने के बावजूद उनको टीम में नहीं लिया गया। 10 साल बाद आखिर में जब मार्च 2021 में सूर्यकुमार यादव को इंटरनेशनल डेब्यू करने का अवसर मिला,
तो टीम में जगह परमानेंट करने के 1 साल के भीतर वह इस फॉर्मेट में नंबर वन बल्लेबाज बन गए। बस, यहीं से सूर्या को सिर्फ टी-20 का बल्लेबाज बना कर छोड़ दिया गया। इस दौरान उन्हें भारत की तरफ से केवल 16 वनडे मुकाबलों में खेलने का मौका दिया गया।
साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने कहा है कि सूर्यकुमार यादव इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिनको देखने के लिए दर्शक टीवी खोलते हैं। जिन लोगों को स्मिथ के बारे में नहीं पता है, उन्हें बताना चाहूंगा कि अपने दौर में यह खिलाड़ी कप्तानी और बल्लेबाजी से तमाम धुरंधरों के छक्के छुड़ा दिया करता था। जिस बल्लेबाज की दुनिया दीवानी हुई जा रही है,
उसे भारत में केवल T-20 फॉर्मेट खेलने लायक खिलाड़ी बताना शर्मनाक है। परिणाम सामने है, सूर्या के बगैर उतरे भारत को पहले वनडे में बांग्लादेश से मिली हार दर्दनाक है।
सूर्या ने 2022 में धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए टी-20 क्रिकेट में हजार से ज्यादा रन बना डाले। इस साल दूसरा कोई भी बल्लेबाज टी-20 के फॉर्मेट में हजार रन तक नहीं पहुंचा। 31 मुकाबले में 2 शतक और 9 अर्धशतक के दम पर सूर्या ने कुल 1164 रन बनाए। इसमें इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ जमाया शतक सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। जो बल्लेबाज अपने करियर के सबसे तूफानी फॉर्म में खेल रहा है, उसको निरंतर अवसर मिलना ही चाहिए।
न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में सूर्यकुमार यादव को टीम में शामिल तो लिया गया लेकिन लगातार उनकी बल्लेबाजी ऑर्डर में फेरबदल किया गया। ऋषभ पंत को सूर्या के बदले सेकंड डाउन बल्लेबाजी करने के लिए भेज दिया गया।
हर हाल में बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को यह समझना होगा कि अब क्रिकेट बदल चुका है। आक्रामक बल्लेबाजी के बूते ही इंग्लैंड ने पहले वनडे वर्ल्ड कप और टी-20 वर्ल्डकप का खिताब जीता है। अगर 2023 वर्ल्ड कप के पहले सूर्या को लगातार वनडे मुकाबले खेलने का अवसर नहीं दिया जाएगा तो भारत में हो रहे वर्ल्ड कप में हिंदुस्तान 2011 की खिताबी जीत नहीं दोहरा पाएगा।