हिजाबी प्रिंसिपल ने नौकरी से दिया इस्तीफा, जाने क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि इन दिनों हिजाब को लेकर हमारे भारतवर्ष में काफी विवाद चल रहा है। लोगों को इस बात से परेशानी नहीं है कि वह क्या पहन रहे हैं बल्कि इस बात से परेशानी है कि सामने वाली मुस्लिम महिलाएं हिजाब क्यों पहन रही हैं। वह क्या पहनेगी क्या नहीं पहने कि क्या यह आप लोग तय करेंगे? और क्या यह किसी का अधिकार है कि वह सामने वाले को रोके कि तुम क्या पहनो क्या नहीं पहनो।
आप लोग क्या पहनते हैं क्या नहीं पहनते हैं इससे किसी को कुछ फर्क नहीं पड़ना चाहिए। महाराष्ट्र के अंदर यह मामला देखने सामने आया है। महाराष्ट्र के अंदर एक कॉलेज है। “वायवा कॉलेज ऑफ लॉ” उस कॉलेज के प्रिंसिपल हैं ” डॉक्टर बतूल हमीद ” डॉक्टर अब्दुल हमीद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 2019 मे ‘ डॉक्टर अब्दुल हमीद’ ने इस कॉलेज को बतौर प्रिंसिपल जॉइन किया था ।
लेकिन मामला यह हुआ कि जैसे-जैसे हिजाब के विवाद बढ़ते गए वैसे वैसे उनको भी कॉलेज में दिक्कतों का सामना करना पड़ा , डॉ अतुल ने आरोप लगाया कि कॉलेज का जो प्रबंधन है यानी जो कॉलेज का मैनेजमेंट है वह उनको रेगुलर परेशान कर रहा था। उनको कॉर्पोरेट नहीं कर रहा था उनके साथ ऐसा माहौल बनाया गया कि वह इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो गई और इसके पीछे की असल वजह थी हिजाब।
डॉक्टर अतुल का कहना है कि पहले ऐसा माहौल नहीं हुआ करता था जब से कर्नाटक में हिजाब का मामला देखने में सामने आया है तब से उनको ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी है। हालांकि कॉलेज प्रशासन ने इस बात को पूरी तरह से इनकार किया है कि उनका इस तरह का कोई भी बर्ताव नहीं रहा है।
लेकिन डॉक्टर अब्दुल हमीद ने यह आरोप लगाया है कि सिर्फ यह हिजाब के चलते ही मुझे मेरा स्टाफ कॉर्पोरेट नहीं कर रहा है उन्होंने आगे यह भी कहा कि उनका मेंटल हैरेसमेंट किया गया है उनको परेशान किया गया है। जिससे वह अपना काम अच्छे तरीके से नहीं कर पा रहे हैं उनको कॉलेज में असहज महसूस होता है । लिहाजा जिसके चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि अगर इस तरह का मामला कोई अनपढ़,जाहिल, गवार लोग लोगों के बीच में सामने आए तो बात समझ में आती है लेकिन इस तरह का मामला एक पढ़े-लिखे स्टाफ के बीच में सामने आए तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश के लोगों का ध्यान किस तरह किया जा रहा है।