जब अंग्रेजी ना आने पर मैथिली ठाकुर का उड़ाया मजाक, रो कर पिता को बताया।
जब अंग्रेजी ना आने पर मैथिली ठाकुर का उड़ाया मजाक, रो कर पिता को बताया। स्कूल के समय जब मैथिली को बिहारी होने के कारण ताने झेलने पड़े तो मैं पापा के सामने रोती थी।
बिहार में जन्मी मैथिली ठाकुर अपनी गीत लोक गायिका से प्रसिद्ध होती जा रही हैं। इतनी कम उम्र में ही उन्होंने एक अपनी अच्छी पहचान बना ली है। मैथिली ठाकुर बचपन में ही अपने माता पिता के साथ दिल्ली आकर रहने लगी थी, लेकिन मैथिली ठाकुर ने बताया कि जब वह दिल्ली आए तब क्लास के बच्चे अंग्रेजी को लेकर उनका बहुत अधिक मजाक उड़ाते थे। इस बात को लेकर वह काफी परेशान रहती और पिता के सामने जाकर रोती थी।
लोक गायिका मैथिली ठाकुर बेहद कम उम्र में ही ना केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी एक अलग पहचान बना बैठी है। बिहार की रहने वाली मैथिली ठाकुर को दिल्ली में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिनका उन्होंने जिक्र हाल ही में किया है। मैथिली ठाकुर ने एक न्यूज़ चैनल “बिहार तक” को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब वह दिल्ली आई थी। तो वह अपने उम्र के बच्चों को स्कूल जाता देखती थी, लेकिन वह खुद स्कूल नहीं जाती थी। जिससे प्रेरित होकर उन्होंने भी एक स्कूल में एडमिशन ले लिया। जब वह स्कूल जाने लगी तो उन्हें क्लास के बच्चे अंग्रेजी ना बोल पाने को लेकर बहुत ज्यादा परेशान करते थे। जिससे वह घर आकर अपने पिता के सामने रोती थी और क्लास के बारे में सब कुछ बताती थी।
उन्होंने इंटरव्यू में आगे बताया कि मैं बिल्कुल ब्लैंक होती थी। जब टीचर पढ़ा रहे होते थे तो मुझे इंग्लिश में कुछ समझ में नहीं आता और जब वह मुझसे क्वेश्चन पूछते तो मैं समझ नहीं पाती। वह सब जानते थे कि मैं बिहार से हूं, और मुझसे जानबूझकर इंग्लिश में बातें करते थे। मैं बच्चों को जवाब नहीं दे पाती और खामोश रहती थी। आगे मैथिली ठाकुर ने बताया कि एक बार मुझे याद है, मैम ने मुझसे पूछा कि तुम्हारी बुक कहां है मैंने कहा मैम मैं बुक को खोज रही हूं। इस बात को सुनकर पूरी क्लास जोर से हंसने लगी बाद में मुझे यह बताया गया कि इधर खोजना नहीं बल्कि ढूंढना बोलते हैं। मैथिली ने बताया कि उन्होंने हिंदी में कई नई ऐसी चीजें सीखी जिन्हें वो पहले से नहीं जानती थी। और आगे बताया कि मैंने अपने आप को धीरे-धीरे सुधारना शुरू किया और स्कूल रेगुलर जाना शुरू किया। जिससे मैं सबके सामने कॉन्फिडेंट रह पाऊंगा। स्कूल में जो भी मेरे साथ दिन भर होता मैं उसको शाम में आकर अपने मम्मी पापा के साथ शेयर करती थी।और पापा के सामने रोती थीं कि आज ये हुआ। इन सब बातों को सुनकर पापा को भी तेज थे की चुप हो जाओ जो बोल रहे हैं बोलने दो तुम अपने काम पर ध्यान दो।
स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ मैथिली ठाकुर ने कई राज्यों और राष्ट्रीय स्तर ओके सिंगिंग प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया और मात्र 10 साल की उम्र में मैथिली ने जागरण में गाना शुरू कर दिया। और उन्होंने एक सा रे गा मा पा लील चैंप्स में हिस्सा लिया जो ज़ी टीवी के रियलिटी शो का हिस्सा था और उसके बाद मैथिली ठाकुर नहीं इंडियन आईडल जूनियर में भी हिस्सा लिया मैथिली ठाकुर को राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता सबसे ज्यादा तब मिली जब उन्होंने राइजिंग स्टार के पहले सीजन में हिस्सा लिया।