अपनी ही पार्टी की सरकार पर क्यों हमले कर रहे वरुण गांधी ?

अपनी ही पार्टी की सरकार पर क्यों हमले कर रहे वरुण गांधी ?

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी कई मुद्दों पर अपनी पार्टी और सरकार से इत्तेफाक नहीं रखते, यही कारण है कि वे कई अहम मुद्दों पर पार्टी लाइन से अलग हटकर अपनी राय रखते रहे हैं।

अब वरुण गांधी पिछले कुछ समय से लगातार अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं। बेरोज़गारी और मंहगाई के मुद्दे पर वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।

शनिवार को वरुण गांधी ने अपनी सरकार को घेरते हुए ट्वीट कर कहा, “जो सदन गरीब को 5 किलो राशन दिए जाने पर ‘धन्यवाद’ की आकांक्षा रखता है। वही सदन बताता है कि 5 वर्षों में भ्रष्ट धनपशुओं का 10 लाख करोड़ तक का लोन माफ हुआ है। ‘मुफ्त की रेवड़ी’ लेने वालों में मेहुल चोकसी और ऋषि अग्रवाल का नाम शीर्ष पर है। सरकारी खजाने पर आखिर पहला हक किसका है?”

वहीँ इससे पहले वरुण गांधी ने बीजेपी नेता सुशील मोदी के प्रस्ताव पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, “श्री सुशील मोदी ने आज सदन में ‘मुफ्तखोरी की संस्कृति’ खत्म करने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है। पर जनता को मिलने वाली राहत पर उँगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबाँ में जरूर झांक लेना चाहिए।क्यूँ न चर्चा की शुरूआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सभी सुविधाएँ खत्म करने से हो?”

अपनी ही सरकार पर वरुण गांधी के हमले हाल ही में तेज हुए हैं। इसके बाद तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वरुण गांधी ने 3 अगस्त को एलपीजी गैस की कीमत बढ़ाये जाने के खिलाफ अपनी ही सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्विटर पर कहा, “पिछले पांच सालों में 4.13 Cr लोग LPG की सिंगल रीफ़िल का खर्च नहीं उठा सके, जबकि 7.67 Cr ने इसे केवल एक बार रीफ़िल किया। घरेलू गैस की बढ़ती कीमतें और नगण्य सब्सिडी के साथ गरीबों के ‘उज्जवला के चूल्हे’
बुझ रहे हैं। “स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” देने के वादे क्या ऐसे पूरे होंगे?”

पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी के रवैये में अचानक आये इस परिवर्तन से बीजेपी नेता भी आश्चर्यचकित हैं। हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जब वरुण गांधी अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमले बोल रहे हैं। इससे पहले वरुण गांधी ने पार्टी लाइन से अलग हटकर किसान आंदोलन के समर्थन में बयान दिया था। इतना ही नहीं लखीमपुर खीरी कांड में मुख्य अभियुक्त गृह राज्य मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी के लिए भी आवाज़ उठाई थी।

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