2022 का सबसे यादगार और ऐतिहासिक लम्हा। पर इसके पहले था दर्द

2022 का सबसे यादगार और ऐतिहासिक लम्हा। पर इसके पहले था दर्द

FIFA world cup: वर्ल्ड कप के साथ मेसी…! 2022 का सबसे यादगार और ऐतिहासिक लम्हा। पर इसके पहले था दर्द का अंधियारा। साल था 2006 और उम्र थी 18 वर्ष…! लियोनेल मेसी ने तब अपने करियर का पहला फुटबॉल वर्ल्ड कप खेला था। इसके बाद 16 साल बीत गए। 4 वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना मेसी के भरोसे मैदान पर उतरा लेकिन उसे निराशा हाथ लगी। 2014 वर्ल्ड कप में तो इस सुपरस्टार खिलाड़ी में अपनी टीम को फाइनल में भी पहुंचा दिया था। पर जर्मनी ने 1-0 से शिकस्त दे दी। मेसी के पास पेनल्टी पर गोल दागने का मौका आया था लेकिन वह चूक गए थे। वह कांटा 8 वर्षों तक मेसी के सीने में धंसा रहा। रह-रह कर उससे खून रिसता था और मेसी की तमाम उपलब्धियों पर पानी फेर देता था।

2016 में फुटबॉल के एक और बड़े टूर्नामेंट कोपा अमेरिका कप के फाइनल में मेसी ने अर्जेंटीना को पहुंचाया था। मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में पहुंचा था और मेसी शूटआउट के दौरान गेंद को गोलपोस्ट के अंदर डालने से चूक गए थे। नतीजा यह रहा था कि चिली ने अर्जेंटीना को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया था। देसी फूट-फूटकर रो पड़े थे।

उन्होंने ड्रेसिंग रूम में जाकर ऐलान कर दिया कि देश के लिए जीतना मेरी किस्मत में नहीं है। यह अर्जेंटीना के साथ मेरा अंतिम मुकाबला था। 2014 वर्ल्ड कप हार के ठीक 2 साल बाद फिर एक दफा इतनी बड़ी निराशा…! तब समूचा अर्जेंटीना अपने सुपरस्टार खिलाड़ी के समर्थन में उठ खड़ा हुआ था। डिएगो मैराडोना के रिक्वेस्ट के बाद मेसी ने नेशनल फुटबॉल फुटबॉल टीम में दोबारा वापसी की थी।

2022 वर्ल्ड कप फाइनल यह साबित करने के लिए था कि मेसी की अर्जेंटीना उनकी कप्तानी में चोकर्स नहीं है। फाइनल मैच के 23वें मिनट में अर्जेंटीना को पेनल्टी मिली और मेसी ने मुकाबले का पहला गोल दाग दिया। इसी के साथ उन्होंने 2014 वर्ल्ड कप फाइनल का हिसाब चुकता कर दिया। एमबाप्पे के 97 सेकंड के भीतर दागे गए 2 गोल के कारण जब मैच 2-2 बराबरी पर छूटा तो एक्स्ट्रा टाइम के 108वें मिनट में फिर एक दफा मेसी ने गोल दागकर अर्जेंटीना को आगे कर दिया।

ये भी पढ़ें  रोहित- प्लेइंग 11 चुनना आसान नहीं, कोहली लय में

118वें मिनट में एमबाप्पे ने पेनाल्टी को गोल पोस्ट के भीतर पहुंचा कर स्कोर बराबर कर दिया। यहां से मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में पहुंचा और अबकी बार 2016 के कोपा अमेरिका कप की तरह मेसी नहीं चूके। मेसी ने अपने देश की तरफ से पहला अटेम्प्ट लिया और बॉल को गोलपोस्ट के अंदर पहुंचा दिया। इसका नतीजा रहा कि अर्जेंटीना ने आखिर में 36 साल बाद पेनल्टी शूटआउट जीतकर 36 साल बाद वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया।

फीफा विश्व कप में अर्जेंटीना की जीत के बाद गोल्डन बॉल विजेता लियोनेल मेस्सी ने संन्यास को लेकर एकबार फिर अपना मन बदला है। मेसी ने कहा कि वे अभी विश्वविजेता के रूप में कुछ और मैच खेलना चाहते हैं। बता दें कि पहले मेसी ने कहा था कि कतर में ये टूर्नामेंट उनका आखिरी विश्व कप होगा। गोल्डन बॉल फीफा की तरफ से उस खिलाड़ी को दी जाती है, जिसने अपने खेल से वर्ल्ड कप पर सबसे ज्यादा इंपैक्ट डाला हो।

2022 वर्ल्ड कप में 7 गोल दागने वाले लियोनेल मेसी को फीफा ने गोल्डन बॉल का हकदार माना। मेसी कहीं नहीं जा रहे हैं। वह वर्ल्ड चैंपियन वाली फीलिंग को मैदान पर कुछ और दिन जीना चाहते हैं।

अर्जेंटीना का 36 साल का और मेसी के 16 साल का इंतजार खत्म हुआ है। इतनी जल्दी मेसी को जाते देखने की हिम्मत नहीं है। कानों में ये पंक्तियां लगातार गूंज रही हैं…अभी ना जाओ छोड़कर… कि दिल अभी भरा नहीं…! कहीं अंदर में सुकून है कि मेसी नहीं जा रहे। उनका जलवा फुटबॉल में कायम रहेगा।