जब विराट की कप्तानी में 208 डिफेंड नहीं किया तो किंग को कप्तानी से हटाने..
Ind vs Aus T 20 series: भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने पहले टी-20 में 209 का टारगेट रखा, जिसे कंगारुओं ने हासिल कर लिया। ऐसा करके करोड़ों हिंदुस्तानियों को दुख से भर दिया। इस मुकाबले में कप्तान रोहित शर्मा की रणनीति बुरी तरह फ्लॉप रही। अगर हिटमैन की जगह किंग कोहली कप्तान होता, तो आलोचकों के बयानों से सोशल मीडिया भर जाता। विराट को कप्तान देखना सबको अखर जाता। बयान आते कि विराट अगर इतना बड़ा टारगेट नहीं डिफेंड कर पा रहा है तो वर्ल्ड कप में क्या खाक कर पाएगा? देख लेना, कोहली निश्चित ही टी-20 वर्ल्ड कप 2022 भी हराएगा।
एशिया कप के सुपर 4 मुकाबले में भुवनेश्वर ने पाकिस्तान के खिलाफ 19वें ओवर में 19 रन और श्रीलंका के खिलाफ 19वें ओवर में 14 रन लुटाया। उनकी धारदार गेंदबाजी ने दोनों ही मुकाबलों में टीम इंडिया को हार का मुंह दिखाया। इससे भी कप्तान रोहित शर्मा ने सबक नहीं सीखा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फिर एक बार भुवी को 19वां ओवर सौंपा गया। भुवनेश्वर ने 19वें ओवर में 16 रन और पूरे मैच में 52 रन देकर करोड़ों हिंदुस्तानियों को गमज़दा कर दिया।
ऑस्ट्रेलिया को अंतिम 4 ओवर में जीत के लिए 55 रन चाहिए थे। यहां 17वें ओवर में रोहित के चहेते गेंदबाज भुवनेश्वर आ गए, जिन्होंने तीन वाइड की मदद से 15 रन का तोहफा दिया। फिर लंबे वक्त बाद वापसी कर रहे हर्षल पटेल को हिटमैन ने बॉल पकड़ा दी, जिन्होंने 22 रन लुटा कर तमाम फैंस को चौंका दिया। फिर एकबार 19वें ओवर में भुवी के कमाल के बाद कंगारुओं को जीत के लिए केवल 2 रन चाहिए थे, जिसे उन्होंने 20वें ओवर में आसानी से बना लिया।
जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी जैसे डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट बॉलर की कमी अंतिम ओवरों में पूरे हिंदुस्तान ने शिद्दत से महसूस की। 208 रन बनाने के बावजूद घटिया गेंदबाजी और खराब कप्तानी ने हमसे निश्चित जीत छीन ली। हकीकत यह है कि मोहम्मद सिराज को विराट ने इतने वर्षों में आईपीएल से लेकर टीम इंडिया तक डेथ ओवर स्पेशलिस्ट गेंदबाज बनाया। बदले में सिराज ने हिंदुस्तान को ढेरों मुकाबला जिताए। पर जबसे कप्तान बदला, सिराज भुला दिए गए।
अगर भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में बढ़िया प्रदर्शन करना है तो टीम कॉम्बिनेशन में बड़ा बदलाव करना होगा। लगातार रन लुटा रहे गेंदबाजों की बजाय आखिरी ओवर्स में सटीक लाइन-लेंथ के बूते बल्लेबाजों को रनों के लिए तरसा देने वाले बॉलर्स को चुनना होगा। अगर कप्तान रोहित ने अपनी रणनीति नहीं बदली, तो बोर्ड पर टँगे बड़े से बड़े रन भी किसी काम के नहीं होंगे। हम हर बार यूं ही मैच जीतने में नाकाम होंगे।