अग्निपथ योजना के विरोध के चलते रेल मंत्रालय को रद्द करनी पड़ीं 2000 से अधिक ट्रेन

अग्निपथ योजना के विरोध के चलते रेल मंत्रालय को रद्द करनी पड़ीं 2000 से अधिक ट्रेन

नई दिल्ली। सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अग्निपथ योजना का युवाओं द्वारा किये जा रहे विरोध के चलते कई राज्यों में रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने संसद में अपने बयान में इसकी जानकारी दी है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद को सूचित किया कि सेनाओं में अल्पकालिक भर्ती की ‘‘अग्निपथ योजना’’ के देश भर में विरोध की वजह से 15 जून से 23 जून के बीच 2000 से अधिक ट्रेन रद्द किए गए।

वैष्णव ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध में देश भर में हुए प्रदर्शनों के चलते 15 जून से 23 जून के बीच 2132 ट्रेन रद्द की गईं।

वैष्णव ने यह भी कहा कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के विरोध के परिणामस्वरूप सार्वजनिक अव्यवस्था के कारण रेल सेवाओं के बाधित होने की वजह से यात्रियों को लौटायी गयी राशि (रिफंड) के बारे में अलग से आंकड़ा नहीं रखा जाता है।

उन्होंने कहा ‘‘हालांकि, 14 जून 2022 से 30 जून 2022 की अवधि के दौरान, अग्निपथ योजना के विरोध के चलते ट्रेन के रद्द होने के कारण करीब 102.96 करोड़ रुपये का रिफंड दिया गया। इसके अलावा, विरोध प्रदर्शन के चलते रेलवे की संपत्ति को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।’’

उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध के कारण रद्द की गई सभी प्रभावित ट्रेन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है। गौरतलब है कि सेना में भर्ती की हाल ही में शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था।

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